कड़कनाथ प्रजाति से 06 गांव में 14 परिवार पकड़ रहे तरक्की की रफ्तार
श्योपुर -
मप्र डे आजीविका मिशन के तहत कई गांवों में आजीविका बढाने हेतु कड़कनाथ मुर्गीपालन किया जा रहा है। श्योपुर जिले की तहसील बडौदा के अतंर्गत ललितपुरा संकुल के ग्राम कुंहाजापुर, मकडावदा कलां, हलगावड़ा, मेण्डखेडी आदि गांवों के 14 परिवार स्लेक परियोजना आदिवासी बाहुल्य देशी मुर्गीपालन के स्थान पर उनकी आय बढ़ाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की कड़ी में कड़कनाथ मुर्गीपालन गरीब परिवारों को पकड़ा रहा है तरक्की की रफ्तार।
जिले की बडौदा क्षेत्र के निर्धन परिवार पूर्व में देशी मुर्गीपालन में भरोसा रखते थे। इन गावों में आजीविका मिशन के पीएफटी सदस्यों द्वारा प्रेरणा दी, कि देशी मुर्गीपालन के स्थान पर कड़कनाथ बहुआयामी नसल के चूजे प्राप्त कर उनका पालन पोषण करने के उपरांत अधिक राशि में बेचने से लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इस दिशा में जिला प्रबंधक पशुपालन की विशेष प्रेरणा एवं प्रयासों से पी.एफ.टी. सदस्यों के साथ प्रशिक्षण एवं भ्रमण के माध्यम से कड़कनाथ बहुआयामी नस्ल के बारे में इन परिवारों के बाड़े में पहुंचकर उनकों कड़कनाथ की पैदावार के बारे में जानकारी दी। साथ ही झाबुआ जिले में विशेष परिस्थितियों में पाली जाने वाली कड़कनाथ प्रजाति की तकनीक समझाइ गई।
उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. केएस बघेल एवं आजीविका मिशन के परियेाजना संचालक श्री सोहनकृष्ण मुदगल ने पीएफटी सदस्यों एवं पशुपालन विभाग के मैदानी अमले के साथ बडौदा क्षेत्र के परिवारों को कड़कनाथ मुर्गीपालन करने की दिशा में जनजाग्रति लाने के प्रयास किए गए। इन प्रयासों के अंतर्गत बडौदा क्षेत्र के गरीब परिवार तकनीकी ज्ञान के साथ कड़कनाथ के चूजे प्राप्त कर उनकें पालन-पोषण में सहायक बन रहे हैं। साथ ही कड़कनाथ प्रजाति के चूजों के लिए विशेष आवास एवं रहन सहन की व्यवस्था के लिए दिए गए मार्गदर्शन को अपनाते हुए क्षेत्र के 06 गावों में 14 हितग्राहियों को मुर्गे पालने की दिशा में प्रयास प्रारंभ किए।
इस दिशा में कलेक्टर श्री बसंत कुर्रे ने भी विभागीय अमले के माध्यम से कड़कनाथ प्रजाति के संरक्षण की दिशा में परिवारों की आर्थिक स्थिति सुधारने की दिशा में भरपूर सहयोग दिया जा रहा है। वर्तमान में सहरिया एवं अन्य क्षेत्र के 06 गावों मे 14 हितग्राहियों के यहां कड़कनाथ के बच्चे बड़े होकर उनकी आमदनी में 900-1000 रू. प्रति मुर्गा एवं 30 रू. प्रति अण्डा की दर से विक्रय किया जा रहा है। साथ ही एक परिवार करीबन 50 मुर्गा बेचने में सहायक बन रहा है। इस दिशा में हो रही अच्छी आमदनी से सभी परिवार कड़कनाथ पालन में अपनी रूचि बढ़ा रहे हैं। साथ ही अपने कमजोर बच्चों के उत्तम स्वास्थ्य की दिशा में भी कड़कनाथ भोजन के रूप में सहायक बन रहा है।
श्योपुर जिले की तहसील बडौदा के ग्राम कुंहाजापुर की निवासी श्रीमती रईसा बेगम, श्रीमती गुडडीबाई, श्रीमती धन्नीबाई, श्रीमती हुसैनी बाई, श्रीमती खुश्नुमा बाई कडकनाथ पालन से अपने सपनो को साकार कर पा रही है।
इसी प्रकार ग्राम मेण्डखेडी की श्रीमती बादामबाई आदिवासी, श्रीमती शीलाबाई, श्रीमती घिसी बाई, श्रीमती मूर्तिबाई, श्रीमती चन्द्रकला बाई इनके अलावा ग्राम मकडावदा कलां से श्रीमती कौशल्या बाई, श्रीमती दुलारीबाई कडकनाथ प्रजाति के चुजो, मुर्गो का पालन कर रही है।
ग्राम हलगावडा खुर्द से श्रीमती प्रेमबाई, श्रीमती मुन्नीबाई, श्रीमती रीनाबाई एवं अन्य परिवारो के लिए कडकनाथ पालन अत्यधिक लाभदायक सिद्ध हो रहा है।
ग्राम कुंहाजापुर से श्रीमती रईसा बेगम ने, बताया कि आजीविका मिशन, पशुपालन विभाग और जिला प्रशासन की मदद से उनके परिवार को कड़कनाथ प्रजाति के मुर्गीपालन में सहायता प्रदान की गई हैं। साथ ही करीबन 01 हजार रूपए प्रति मुर्गा और 30 रूपए प्रति अण्डा बेचकर तरक्की की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
यह सब करिश्मा मप्र सरकार द्वारा आजीविका मिशन, पशुपालन और जिला प्रशासन के सहयोग से किए गए प्रयासों का ही प्रतिफल है। जिसके कारण कड़कनाथ पालन से हमारी आर्थिक तरक्की की रफ्तार भी आसान हो गई है।
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