तहसीलदार की नींद में खलल पडा, तहसीलदार से मारपीट और बदसलूकी से बदलापुर में तब्दील हुआ पिछोर 100दुकान शोरूम मकान झोपड़े ढहाकर मुहिम थमी 58 पर केस दर्ज
ग्वालियर -
शिवपुरी-पिछोर राजनीतिक द्रष्टिकोण से सदैव चर्चा में रहने वाले पिछोर में शनिवार को अतिक्रमण से जुडी एक बड़ी कार्रवाई जिले भर में चर्चा की वायस बन गई है। लोगों के मुताबिक तहसीलदार के बंगले के पीछे किसी ने रातों रात अतिक्रमण कर लिया। फर्नीचर तैयार कराने को लेकर रातभर काम चला आवाजें आती रहीं जिससे तहसीलदार की नींद में खलल पडा और सुबह वे मौके पर जा पहुंचे। जब अतिक्रमण हटाने के दौरान कोई स्थानीय व्यक्ति गिर गया तो वहां मौजूद लोग भडक गए और इस दौरान तहसीलदार दीपक शुक्ला के साथ हाथापाई, मारपीट और बदसलूकी की गई। किसी तरह भागकर बचे तहसीलदार ने वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी तो कई सालों से जमें अतिक्रमणकारियों को बिना किसी चेतावनी और नोटिस दिए निशाना बनाना शुरू किया गया। लाव लश्कर के साथ एसडीएम उदय सिकरवार, सीएमओ विनयकुमार भटट सहित नायब तहसीलदार और आरआई सहित पटवारी व मदाखलत दस्ता और पुलिस बल हिटैची लेकर निकला तो तहसीलदार के बंगले से मुहिम सुबह 10 बजे शुरू कर दी गई। एक के बाद एक अतिक्रमण ढहा दिए गए। पिछोर के प्रमुख चौराहे डाक बंगले पर मुहिम अंजाम दी जाती रही। रन्नाौद रोड तक जब अतिक्रमण हटाए तो दोपहर के 2 बज चुके थे। तब जाकर 100 अतिक्रमण ढहाकर मुहिम थमी। इधर सुबह मारपीट के मामले में तहसीलदार शुक्ला की फरियाद पर 18 नामजद और 15 महिलाओं सहित अन्य 25 पुरुषों के विरूद्ध केस दर्ज किया गया है। सुबह के घटनाक्रम से पिछोर बदलापुर में तब्दील हुआ नजर आ रहा था।
गुस्साए प्रशासनिक अधिकारियों ने 100 अतिक्रमण ढहाए, 58 पर कराया केस दर्ज न दिए नोटिस, न कोई चेतावनी, चाय की गुमटी से लेकर शोरूम तक तहस नहस लोगों ने लगाए तहसीलदार पर मनमानी और हठधर्मिता के आरोप
पिछोर शिवपुरी तहसीलदार की नींद में खलल का खामियाजा १०० दुकाने घर झोपड़े अतिक्रमण बता तोड़े अंग्रेज राज्य वापिस आ गया लगता हे दतिया डबरा में भी रहे विवादित पूर्व कद्दावर मंत्री भाजपा के हैं खास ,डबरा में सहारा समय के पत्रकार से हुई थी भिड़ंत
गुस्से में आम नागरिकों के साथ अन्याय करने वाले अधिकारियो पर मारपीट, पद का दुरपयोगसम्पति का नुक्सान मौलिक अधिकारों का हनन के केस लगना चाहिए
इन पर हुआ केस दर्ज
तहसीलदार की फरियाद पर पिछोर थाना पुलिस ने सतेन्द्र बुंदेला, उपेन्द्र चौहान, ब्रजेश जोगी, अशोक जोशी, वृंदावन जोगी, टिल्लू जोगी, सोंटी जोगी, बबलू जोगी, नरेश जोगी, पवन सैन, कालूराम सैन, लक्ष्मण सैन, धर्मेन्द्र सैन, वीरेन्द्र जोगी, पुरुषोत्तम जोगी, रामकुमार जोगी, लखन जोगी, वृंदा जोगी की पत्नी सहित 15 महिलाओं सहित 25 पुरुषों पर शासकीय कार्य में बाधा, मारपीट सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
तहसीलदार द्वारा लिखाई गई रिपोर्ट में बताया-उपेन्द्र, सतेन्द्र व वीरेन्द्र जोगी बोले मार डालो तहसीलदार को और कर दिया हमला
तहसीलदार द्वारा लिखाई गई रिपोर्ट में बताया गया है कि उपेन्द्र चौहान, सतेन्द्र बुंदेला व वीरेन्द्र जोगी हाथ में लटठ और सरिया लेकर आए और बोले मार डालो तहसीलदार को। उनके साथ महिलाएं और पुरुष भी मौजूद थे जो हाथों में डंडा लिए थे और उन्होंने सीधे हमला करना शुरू कर दिया जिससे तहसलीदार दीपक को सिर, हाथ, पैर और कान में चोट आई वहीं उनके साथ चौकीदार सुरेश लोधी व माखन पाल की भी मारपीट कर दी जिससे वह भी चोटिल हुए हैं।
लाव लश्कर के साथ गए फिर कैसे हुआ हमला
रिपोर्ट में लिखा है कि तहसीलदार के साथ पूरा अमला गया हुआ था जिसमें एसडीएम, सीएमओ सहित नायब तहसीलदार, आरआई, पटवारी व अन्य लोग भी मौजूद थे। इस दौरान लोगों ने उन पर हमला किया। सवाल यह है कि वरिष्ठ अधिकारी साथ रहे और तहसीलदार पर हमला कर दिया गया तो फिर बड़े अधिकारियों की क्या भूमिका रही। अगर वरिष्ठ अधिकारी भी थे और हमला हो रहा था तो पुलिस को क्यों नहीं बुलाया गया उससे पहले यह बात भी समझ से परे हैं कि अधिकारी बगैर पुलिस के मुहिम चलाने कैसे निकल पडे। यह सारे सवाल पिछोर के लोगों के मन में उठ रहे हैं। सुबह जहां घटना घटी वहां के लोगों का कहना है कि तहसीलदार मौके पर अकेले आए थे। हालांकि सुबह 10 बजे से 2 बजे के बीच जरूर सभी बड़े अधिकारी और पुलिस बल दल बल के साथ बाजार में उतरा था।
पानी के टैंकरों को हिटैची से पिचका डाला
अतिक्रमण के दौरान स्टील वर्क नामक दुकान पर अतिक्रमण हटाया गया यहां एक पानी का टैंकर आर्डर पर तैयार करके रखा गया था। दुकानदार भगवान झा मिन्नाते करते रहे और बोले उन्होंने कोई अतिक्रमण नहीं किया है उन पर दस्तावेज हैं। लेकिन किसी ने नहीं सुनी और नया टैंकर और एक कलर होने आया टैंकर हिटैची से पिचका डाला। इसी दौरान दीपक त्रिपाठी के मकान को भी ढहाने की कोशिश की गई। जबकि कई बड़े शोरूम के टीनशेड तोड़ डाले गए।
लोग बोले तहसीलदार ने दीवाली के पहले कर दिया बर्बाद
प्रशासन ने गलत अतिक्रमण हटाए हैं, मेरा कोई अतिक्रमण नहीं था। जबरदस्ती तोड़ डाला है। कोई नीति नहीं हैं। कोई सूचना नहीं मिली और मनमर्जी से अतिक्रमण हटा दिया है। तहसीलदार की हठधर्मिता के चलते लोगों का लाखों का नुकसान कर दिया और उन्हें दीवाली जैसे त्योहार के समय बेरोजगार कर दिया है।
राकेश पाठक
बहुत बड़ा भ्रष्टाचार चल रहा है यहां जबदरस्ती अतिक्रमण तोड़ रहे हैं 25 साल से यहां दुकान बनी हुई हैं। अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस देना चाहिए लेकिन यहां तो तहसीलदार के साथ मारपीट क्या हुई एक दुकानदार ने मारपीट और सजा सबको दे दी।
विकास त्रिपाठी
तहसीलदार ने अपनी मनमर्जी से अतिक्रमण तोड़ दिए और हम डिब्बे में मनिहारी का सामान रखकर किसी तरह से अपने बच्चें का पालन पोषण करते थे लेकिन बिना कोई नोटिस दिए बगैर तहसीलदार ने अतिक्रमण तोड़ दिए। इन दुकानों से ही लोग अपने परिवार का पालन पोषण करते थे। मेरा तीन लाख का नुकसान कर दिया।
सावित्री
पेटिंग कर पेट भर रहे थे 7 बच्चों का भरण पोषण इसी से होता है। तहसीलदार ने हटा दिया कोई नोटिस नहीं दिया। काउंटर व एंगल तोड़ दिए। सामान उठाने तक का मौका नहीं दिया।
सतीश पाराशर
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अतिक्रमण नहीं हैं और मेरा लाखों का नुकसार कर दिया है ंफ्रिज काउंटर सब तोड़ दिया सामान भी भर ले गए। किराए की दुकान लिए थे दुकान मालिक को नोटिस नहीं दिया है। तहसीलदार से बोले सामान तक नहीं उठाने दिया।
रूपेश गुप्ता
मेरे पति दुकान खोल रहे थे, तभी जेसीबी आई और दुकान को हटा दिया उसमें सामान भरा था और उसी से रोजी रोटी चलती थी। तहसीलदार से मारपीट हुई तो सबका रोजगार छीन लिया।
ममता जोगी
मनिहारी की दुकान थी। उससे पूरे परिवार का भरण पोषण होता था, लेकिन आज बिना कोई नोटिस दिए अतिक्रमण हटाने के नाम पर सबका रोजगार छीन लिया। तहसीलदार की मनमानी चल रही है।
राकेश जोगी
सालों से टैंकर बनाने का काम कर रहा हूं लेकिन अतिक्रमण हटाने के नाम पर मेरे टैंकरों को ही तोड़ दिया जेसीबी से। मेरा लाखों का नुकसान कर दिया है। यह तो तहसीलदार की हठधर्मिता है।
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